सामान्य

 

       भौतिक स्वास्थ्य की तरह मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य भी है । जैसे शरीर और क्रिया-कलाप की सुन्दरता होती है उसी तरह संवेदनों में भी सुन्दरता और सामञ्जस्य होता है ।

 

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        सच्ची बुद्धि पाने के लिए अपने मन से बाहर निकलो ।

        सच्ची अनुभूति पाने के लिए संवेदनों से बाहर निकलो ।

        सच्ची क्रियाशीलता पाने के लिए अपनी भावुकता से बाहर निकलो ।

 

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         मन के लिए-ज्ञान ।

         हृदय के लिए-प्रेम और आनन्द ।

         प्राण के लिए-शक्ति

        भौतिक द्रव्य के लिए-सुन्दरता ।

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