| सामान्य
भौतिक स्वास्थ्य की तरह मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य भी है । जैसे शरीर और क्रिया-कलाप की सुन्दरता होती है उसी तरह संवेदनों में भी सुन्दरता और सामञ्जस्य होता है ।
*
सच्ची बुद्धि पाने के लिए अपने मन से बाहर निकलो । सच्ची अनुभूति पाने के लिए संवेदनों से बाहर निकलो । सच्ची क्रियाशीलता पाने के लिए अपनी भावुकता से बाहर निकलो ।
*
मन के लिए-ज्ञान । हृदय के लिए-प्रेम और आनन्द । प्राण के लिए-शक्ति । भौतिक द्रव्य के लिए-सुन्दरता । ४०२
|